हवा की गति से दौड़ती हुई श्वेता अस्पताल की लॉबी में दाखिल हुई | उन्हें अपने सामने देखकर हॉस्पिटल में मौजूद एयरलाइन के क्रू मेंबर खड़े हो गए और कहा–
“माफ़ करें मैडम, मुझे मालूम है के आप और आप के पति आशीष दोनों साथ मैं रहते नही है,लेकिन यहां कोलकाता उतरने के बाद अचानक आशीष की तबीयत इतनी खराब हुई के,उन्हें यहां एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा! उसकी जांच करने पर डॉक्टर ने ,मरीज के निकट संबंधी को बुलाने के लिए कहा । मुझे याद आ गया की आप यहाँ कोलकाता में ही रहती हे, इसलिये आप को कॉन्टैक्ट कर के बुलाया ।”
श्वेता, “लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि आशीष को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा?”
डॉक्टर, “डर की वजह से आशीष बेहोश हो गया। वह अपनी सुधबुध खो बैठा हे।“
श्वेता, “क्या कहते हो ? आशीष डर के मारे बेहोश हो गया? डर का और आशीष का कोई दूर दूर का भी रिश्ता नहीं है, में तो सपनो में भी कभी सोच नहीं सकती. ।”
डॉक्टर,” लेकिन मैडम; यह सच है। आपके पति ने कुछ बहुत ही भयानक देखा
हैं, इसलिए उसकी आंखें डर से खुली रह गईं हे और उन आंखों में डर साफ नजर आ रहा था.’
श्वेता ने कहा, “मेरे पति एक फ्लाइट पर्सर हैं। वह चार साल से इस नौकरी में हैं। आज मुंबई–कोलकाता फ्लाइट में चढ़ने से पहले, वह और मैं कार में फोन पर झगड़ रहे थे! वह हमेशा की तरह वही ड्यूटी कर रहा था, फिर फ्लाइट में अचानक क्या हुआ जो इस की ऐसी हालत हो गयी ?”
केबिन क्रू ने कहा, ”एयरपोर्ट पर फ्लाइट लैंड होने के बाद ल्याडर पे आशीष की किसी पैसेंजर से बहस हो गई,उस यात्री ने उसका हाथ पकड़ लिया और खींचकर कार्गो ऑफिस में ले गया, वहां क्या हुआ, किसी को भी मालूम नहीं , लेकिन वहीं पे आशीष बेहोश हो गया ।”
श्वेता अस्पताल की लॉबी में आशीष के सहकर्मियों से बात कर रही थी तभी आईसीयू के स्पेशल वार्ड में आशीष डर से भरी खुली आंखें से ऊपर की छत की ओर ऐसे देख रहा था मानो कोई डरावनी फिल्म देख रहा हो।
रात 10 बजे मुंबई एयरपोर्ट…….
एक बहुत ही व्यस्त जगह…प्रस्थान हॉल में यात्री बोर्डिंग काउंटर पर बोडिंग पास के लिए कतार में खड़े हे …आगमन हॉल में यात्री अपने सामान को ट्रॉलियों पे रखने मैं बिजी हे, समय सारिणी बोर्ड पर उड़ान प्रस्थान और प्रस्थान आगमन का समय प्रदर्शित होता है. इसमें उड़ान क्रमांक सीजी120 का समय अंकित है–
BOM–CG120 (मुंबई से कोलकाता) 2230 बजे (रात 10:30 बजे)। एक घोषणा हुई.—–
Passenger who are traveling to cg120 requested to go to boarding counter.फिर मराठी में घोषणा होती है – सीजी120 द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों से बोर्डिंग काउंटर पर जाने का अनुरोध किया जाता है
कार्गो विभाग—यात्री टर्मिनल की तरह विमान से कार्गो का परिवहन व्यस्त स्थान जहां हवाई अड्डे पर काम होता है……. इतना व्यस्त कार्यक्रम स्थल के बुकिंग काउंटर पर एक एजेंट ह्यूमन रिमेन (शव) उड़ान क्रमांक सीजी102 में बुक करने के लिए लाया गया।काउंटर के ऊपर मौजूद कर्मचारियों ने जरूरी कागजात और सामने वाले व्यक्ति की जांच की पूछा इस के ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स कहा है?
“ पॅसेंजर के साथ, Passenger also travelling in the same flight.”सामने वाले ने उत्तर दिया.
एयर–वे–बिल और भुगतान के बाद; एक्स–रे जांच के बाद शव CG120 को फ्लाइट के कार्गो होल्ड में लोड किया गया।
एयरपोर्ट के सामने पार्किंग एरिया……जहाँ हर वक्त गाड़ियाँ पार्किंग के लिए आती–जाती रहती हैं|
आशीष की कार एक जगह आ गई कार में आशीष के साथ उसका एक और
एक सहकर्मी बैठा था| लेकिन आशीष लगातार श्वेता से मोबाइल पर झगड़ा कर रहा था| अलग वह बैठे हुए सहकर्मी से एक शब्द भी नहीं बोलता हे| कार से उतरने के बाद अचानक एक महिला आशीष के सामने आकर खड़ी हो गई।फिर आशीष ने अपने फोन पर बात करना बंद कर दिया और अपने सहकर्मी को आगे जाने को बोला |अपने सहकर्मी के जाने के बाद आशीष उस महिला से बात करना शुरू करता है…
“श्वेता,hold on for minute, there is one lady, want to talk to me.”
“Yes, Madam How may I help you?”
“हाय सर, मैं अदिति जोशी हूं, मेरे पति इस CG120 में यात्रा कर रहे हैं, उनका नाम विनय जोशी है। वे मुझसे थोड़े नाराज हैं. उसने सुबह से कुछ नहीं खाया है. फिर आप उनसे कुछ फल खाने का आग्रह करें। और पूछो कि क्या उन्होंने खाने के
बाद बी पी की गोलियाँ ली हैं?”
”O K, Madam I will definitely take care of your husband.”तो आशीष फिर से श्वेता से फोन पर झगड़ने लगा.
“क्या तुमने सुना श्वेता, यहाँ एक महिला थी जिसके पति ने सुबह से खाना नहीं खाया था और मुझसे उसका ख्याल रखने के लिए कहा था! नहीं तो तुम …..Enough now I don’t want to talk to you any more. ” इतना कहकर आशीष ने फोन काट दिया।
सीजी 120 रात 10:30 बजे उड़ान भरती है। उड़ान के दौरान घोषणा और सभी प्रारंभिक नियमित कार्य पूरे होने के बाद। आशीष ने विमान में सभी यात्रियों को खाना परोसना शुरू कर दिया। तभी वह एक यात्री के पास आता है तो वह बहुत उदास होता है, वह उस यात्री को मील ऑफर करता है लेकिन वह उसे मना कर देता है। तभी आशीष को उस महिला की बात याद आती है। वह कहता हैं,“Are you Mr.Vinay Joshi?”
“Yes”,
“O k, then have some fruit.”
वह इससे भी इनकार करते हैं. तभी आशीष ने उससे आग्रह किया. उसकी जिद के बाद विनय फ्रूटस खाने के लिए राजी हो जाता है|
इसके तुरंत बाद फ्लाइट लैंड हुई, प्लेन के दरवाजे खुले, सभी यात्री अपने हैंड बैग लेकर सीढ़ी से नीचे उतरने लगे. तभी आशीष को महिला के आखिरी शब्द याद आ गए. वह यात्री विनय जोशी उस वक्त सीढ़ी से नीचे उतर रहे थे. आशीष झट से उनके पास गया और पूछा, “सर, क्या आपने बी.पी. की गोलियाँ ले ली हैं?”
यह सुनकर विनय चौंक गया और पूछा, “हाँ, लेकिन तुम्हें कैसे पता चला?”
“आप की पत्नी ने कहा! वे मुंबई हवाई अड्डे के पार्किंग क्षेत्र में मिली थी । फिर उसने मुझसे कहा!Sir, you are very lucky that you get such caring wife.”
“What nonsense! are you mad? or are you joking?
“मेरी पत्नी का आज सुबह निधन हो गया। And now her dead body had been loaded in same flight.”
” No sir,ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले मैं आपकी पत्नी से मुंबई हवाई अड्डे पर मिला था! वह वही है जिसने मुझसे तुम्हें फल परोसने के लिए कहा था। जब मैं पार्किंग एरिया में कार से बाहर निकला तो वह अचानक मेरे सामने खड़ी हो गई और मुझसे कहा कि मैं तुम्हारा ख्याल रखूं! ।”
आशीष ने पासपोर्ट पर लगी फोटो को देखते हुए कहा, “सर, मैं इन मैडम से मिला था!! मेरे साथ मेरा एक सहकर्मी भी था और उस ने भी आपकी श्रीमती को देखा था |
तभी आशीष ने आपने कलिग (सहकर्मी) को बुलाया है और पूछा …..
आशीष, “सतीश, जब हम मुंबई एयरपोर्ट पर कार से उतरे तो ये मैडम हमारे ठीक सामने खड़ी थीं, है ना?”
सतीश, “ये मैडम? नहीं आशीष, तब वहां कोई नहीं था! तुम अकेले फोन पर बात कर रहे थे!”
“क्या कह रहे हो ? यह महिला हमारे सामने खड़ी थी उसने तुम्हारे सामने ही मुझसे कहा कि वह मुझसे बात करना चाहती है और वह मेरी मदद चाहती है। मैंने तुम्हे आगे जाने के लिए कहा। और मैं उससे बात करने के लिए वहीं रुक गया।”
“हाँ, आशीष यह सच है कि तुमने मुझसे आगे जाने के लिए कहा था। लेकिन उस वक्त आपके सामने कोई नहीं था. तुम अकेले फ़ोन पर बात कर रहे थे! मुझे लगा कि आप बहुत व्यक्तिगत बात करना चाहते हैं। तो मैंने छोड़ दिया।“
“Oh god,ठीक है आपने उस महिला को नहीं देखा होगा लेकिन ठीक सामने एक सीसीटीवी था। रुकिए सर, एयरपोर्ट पर एक अधिकारी मेरे परिचित हैं। मैं अभी उन्हें फोन करता हूं और उनसे सीसीटीवी फुटेज मोबाइल पर भेजने के लिए कहता हूं, तब आपको यकीन हो जाएगा सर।”
तो आशीष कुछ दूर जाता है और मोबाइल फोन से अधिकारी को कॉल करता है।बातचीत के बाद आशीष कुछ देर इंतजार करता है। तभी उसके मोबाइल पर एक मैसेज आता है. इसमें एक वीडियो है. आशीष फिर विनय के पास आता है और कहता है….
“मैं क्या कह रहा हूं आप समझ नहीं रहे हैं, इसलिए अब मैं सीसीटीवी फुटेज का यह वीडियो खोलकर आपको दिखाता हूं।” तो आशीष अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया हुआ वीडियो खोलकर दिखाता है. फिर विनय और आशीष दोनों एक साथ वीडियो देखने लगते हैं. वीडियो देखने के बाद आशीष को बड़ा झटका लगता है…… पूरे सीसीटीवी फुटेज में आशीष के सामने कोई नहीं होता है! वीडियो में आशीष पार्किंग एरिया में अकेले ब्लूटूथ पर बात करते नजर आता हैं. यह देखकर विनय गुस्से में चिल्लाता है…
“मेरी पत्नी की आज सुबह मृत्यु हो गई। अब तुम मेरे साथ कार्गो के ऑफिस चलो. वहाँ मैं तुम्हें अपनी पत्नी का शव दिखाता हूँ।”यह कहते हुए विनय ने आशीष का हाथ पकड़ लिया और खींचकर कार्गो ऑफिस में ले गया। वहां विनय ने कॉफीन (ताबूत) खोला और अपनी पत्नी का शव दिखाया. उस शव को देख कर आशीष डर कर गिर पड़ा! डर के मारे उसकी आँखें खुली रह गईं। क्योंकि ये उसी महिला का शव था… जीसने आशीष से उसके पति को फल देने को कहा गया और फिर पूछा कि बी.पी. की गोलियाँ लीं या नहीं…….
“आशीष की बुरी हालत देखकर मैंने सबसे पहले उसे अस्पताल में भर्ती कराया! मुझे नहीं पता, अगर मेरी पत्नी अदिति को मेरी इतनी ही चिंता थी, तो वह अचानक मुझे छोड़कर क्यों चली गई? वह मेरे सामने आ कर मुझे ही क्यों नहीं बताया ? इसके बजाय, उसने एक अजनबी को घेर लिया। उसे पकड़ लिया और उसे बीमार कर दिया! अब मुझे अपना अगला काम शुरू करना चाहिए। तुम अपने पति का ख्याल रखना, मैं चला जाता हूं। “इस तरह विनय ने अपनी आंखों से पानी पोंछा और अपना चश्मा पहना और चले गए |
ये सब सुनकर श्वेता भी डबडबाई आंखों से आशीष को देखती रही|
THE END